पटना में दिनदहाड़े युवक की गोली मारकर हत्या । इलाके के विवाद को लेकर दो गैस वेंडरों के बीच हुए झगड़े ने खूनी रूप ले लिया। एक वेंडर ने दूसरे को बीच सड़क पर दौड़ाकर गोली मार हत्या कर दी। घटना मंगलवार की दोपहर 12.15 बजे बुद्धा कॉलोनी थानांतर्गत राजेंद्र घाट के सामने मेन रोड पर हुई। मृतक अनिल कुमार (30) दीघा के कुर्जी बालू पर इलाके का रहने वाला है। वह उत्सव भारत गैस एजेंसी में वेंडर के रूप में पिछले छह महीने से काम कर रहा था।
घटना के वक्त अनिल मालवाहक टेंपो लगाकर मेन रोड पर ही खड़ा था। तभी दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने अनिल को देख फायरिंग शुरू कर दी। अपराधियों ने उसे सीने और पीठ में दो गोलियां मारीं जिसके बाद वह बुरी तरह जख्मी हो गया। अस्पताल ले जाने के क्रम में अनिल ने दम तोड़ दिया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची बुद्धा कॉलोनी थानेदार निहार भूषण ने छानबीन शुरू की।
पटना में दिनदहाड़े युवक की गोली मारकर हत्या
पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आयी है कि अनिल के साथ ही सोनू नाम का एक वेंडर काम करता था। बुद्धा कॉलोनी इलाके में ही दोनों को गैस बांटने की जिम्मेदारी दी गई थी। आधे इलाके में सोनू जबकि आधे में अनिल को गैस बांटना था। पुलिस के मुताबिक सोनू वेंडर अनिल को ज्यादा जगहों पर गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने से रोकना चाहता था। इस कारण दोनों के बीच विवाद हुआ और सोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर अनिल को गोली मार दी।
गैस सिलेंडर पर्चा को लेकर हुआ विवाद
सुबह के वक्त सोनू और अनिल के बीच पहली बार सुबह के 9.30 बजे विवाद हुआ। सोनू राजापुर पुल के समीप पहुंचा और अनिल से गैस सिलेंडर बांटने वाली पर्ची मांगने लगा। इसपर अनिल ने कहा कि उसे पर्ची नहीं मिली है। यह सुनते ही सोनू गुस्से में आकर अनिल से बहस करने लगा, फिर वहां से निकल गया। उस समय एक अन्य वेंडर राहुल भी वहां पर मौजूद था जिसने यह सबकुछ देखा।
टेंपो खराब होने पर खड़ा था अनिल
टेंपो का क्लच खराब होने पर अनिल राजेंद्र घाट के सामने ही उसे पार्क कर खड़ा था। इसी बीच वहां अपराधी आ धमके और उस पर गोली चलानी शुरू कर दी। अपराधियों से खुद को घिरता देख अनिल भागने लगा। लेकिन शूटरों ने खदेड़कर उसे गोली मार दी।
आगे पढ़ें: सीतामढ़ी में पुलिस हिरासत में मौत: एसपी ने थानेदार को किया सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला
अनिल की गोली मारकर हत्या होने की खबर जैसे ही उसके कुर्जी बालू पर स्थित घर तक पहुंची, वहां कोहराम मच गया। पर्व की खुशियां मातम में तब्दील हो गयीं। अनिल तीन भाईयों में मांझिल था। उसका बड़ा भाई पवन भी पहले इसी गैस एजेंसी में काम करता था। सबसे छोटे भाई का नाम सुनील है। अनिल को एक पांच वर्ष का बेटा आयुष है। उसकी मौत की खबर मिलते ही अनिल के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गये। शव देखकर सभी फफक कर रो पड़े।