बिहार की कई जिलों में कैदी और घरवालों से बात और मुलाकात दोनों पर बैन । अब फोन से बात होने में भी ब्रेक लग गयी (Telephone breaks in many jails in Bihar) है। लगभग एक माह से भागलपुर स्थित दोनों केंद्रीय कारा सहित कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार की अधिकतर जेलों में टेलीफोन बूथ बंद हैं। इसका कारण बीएसएनएल से जेल प्रशासन का करार खत्म होना है। बूथ बंद होने से बंदियों को परिजनों से बात नहीं हो रही है। बीएसएनएल से करार एक्सटेंशन के लिए जेल प्रशासन प्रयासरत है पर यह सुविधा फिर कब शुरू होगी, यह बता पाना जेल प्रशासन के लिए भी मुश्किल है।
भागलपुर में स्थित विशेष केंद्रीय कारा और शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में टेलीफोन बूथ बंद (Telephone breaks in many jails in Bihar) होने बंदियों को परेशानी हो रही है। दोनों जेल से 100-100 कॉल रोजाना बंदी कर रहे थे। दोनों ही जेल में तीन-तीन टेलीफोन बूथ हैं। कोविड काल में मुलाकात बंद होने से बंदियों को परिजनों का हाल जानने का एकमात्र सहारा फोन ही है।
विशेष केंद्रीय कारा के अधीक्षक मनोज कुमार और शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा के अधीक्षक संजय चौधरी का कहना है कि वीडियो कॉल पर बंदियों को उनके परिजन से बात कराई जा रही है पर इस तरह की सुविधा बहुत ज्यादा नहीं दी जा सकती। फोन जरूरी है।
कोसी सीमांचल और पूर्वी बिहार के लगभग सभी जिलों में स्थित जेलों में भी टेलीफोन बूथ बंद पड़े हैं। पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सुपौल, अररिया, बांका, जमुई, मुंगेर, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया जिले में स्थित जेलों में बीएसएनएल का करार खत्म होने से बंदियों के लिए फोन की सुविधा बंद हो गयी है। सभी जिलों में स्थित जेलों में बंद हजारों बंदियों के लिए परिजनों से बातचीत मुश्किल हो गयी है।
बीएसएनएल से एग्रीमेंट खत्म होने की वजह से जेलों में फोन की सुविधा बंद हुई है। बीएसएनएल से दो और एक्सटेंशन को लेकर बातचीत चल रही है। कोशिश है कि जल्दी ही यह सुविधा फिर से शुरू हो जाये। वैसे जेलों में वीडियो कॉल के जरिये बंदियों को उनके परिजनों से बात कराई जा रही है।