पटना: नीतीश सरकार के नए नियम से फैक्ट्री श्रमिकों को राहत । बिहार के रजिस्टर्ड फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिक एक हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे ही काम करेंगे। इससे अधिक घंटे काम लेने की इजाजत कारखाना संचालकों को नहीं दी जाएगी। इस तय समय में भी श्रमिकों से एक दिन में अधिकतम 12 घंटे का काम कराया जा सकेगा। काम कराते वक्त 5 घंटे के बाद हर स्थिति में कम से कम आधे घंटे का आराम देना जरूरी होगा।
श्रम संसाधन विभाग ने कामगारों के लिए वेतन के साथ ही काम के घंटे और वार्षिक अवकाश तय किया है। इसके तहत विभाग ने कहा है कि सप्ताह में 48 घंटे के अनुसार एक दिन में आठ घंटे ही कामगार काम करेंगे। अगर इससे अधिक काम कराया गया तो कामगार को साधारण दर की जगह दोगुने दर से सैलरी देना होगा। सैलरी अवधि के अंत में ओवरटाइम का पैसा कामगारों को मिलेगा।
नीतीश सरकार के नए नियम से फैक्ट्री श्रमिकों को राहत
सरकार के आदेश के मुताबिक एक दिन में श्रमिकों से 12 घंटे का काम तभी कराया जा सकता है जब मामला अनिवार्य सेवा का हो। श्रमिकों को मिलने वाली छुट्टी की लिस्ट भी फैक्ट्री कैम्पस में ऐसी जगह लगानी जरूरी होगी जहां पर सबकी नजर पड़ सके। जिस कंपनी में 500 कामगार होंगे, वहां एक सुरक्षा अधिकारी बहाल किया जाएगा। इससे अधिक कामगार होने पर अतिरिक्त सुरक्षा अधिकारी की बहाली करनी होगी। खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखानों में 250 कामगारों पर ही एक सुरक्षा अधिकारी बहाल होगा। साथ ही सुरक्षा समिति गठित की जाएगी जिसमें नियोक्ता के अलावा कामगारों का प्रतिनिधि भी होगा।
सरकार के आदेश के मुताबिक ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों को भी फैक्ट्री कैम्पस में सारी सुविधाएं दी जाएंगी। कारखाने के कैम्पस में शौचालय से लेकर पीने का पानी, नहाने की व्यवस्था, कपड़े बदलने का कमरा, फर्स्ट एड बॉक्स जैसी तमाम सुविधाएं रखनी जरूरी होंगी।
काम कराने वाले ठेकेदार को लेना होगा लाइसेंस
ठेका कामगार से काम कराने वाले ठेकेदारों को लाइसेंस लेना होगा जो पांच वर्षों के लिए मान्य होगा। ठेकेदारों को 49 श्रमिकों से काम कराने पर लाइसेंस मद में कोई राशि नहीं देनी होगी। 50 से 100 ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदारों को एक हजार, 101 से 300 ठेका श्रमिकों को दो हजार, 301 से 500 ठेका श्रमिकों से काम कराने वालों को तीन हजार देने होंगे। जबकि 501 से 1000 ठेका श्रमिकों में पांच हजार, 1001 से 5000 ठेका श्रमिकों में 10 हजार, 5001 से 10 हजार ठेका श्रमिकों में 20 हजार, 10001 से 20 हजार ठेका श्रमिकों में 30 हजार तो 20 हजार एक से अधिक ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदारों को लाइसेंस मद में 40 हजार देने होंगे।