बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार 15 अगस्त को गांधी मैदान में तिरंगा फहराया। राज्यवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बड़ा ऐलान (Nitish Kumar announced on Independence Day) किया। उन्होंने राज्य के सरकारी कर्मियों और पेंशन धारियों को बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, सीएम ने केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के अधिकारियों-कर्मियों और पेंशन धारियों की एक जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता की दर 11 प्रतिशत बढ़ा दी है।
अब सरकारी कर्मियों और पेंशन धारियों को 17 की बजाय 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि वित्त विभाग इससे संबंधित आदेश निर्गत करेगा। इसके अलावा सीएम ने और भी कई अन्य घोषणाएं की हैं। नीतीश ने कहा कि सभी वर्ग की युवतियों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की जाएगी। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने 15 सालों में अपनी सरकार के किए गए काम की जानकारी तो ही दी, इसके अलावा 9 बड़े ऐलान भी कर दिए। आइए जानते हैं क्या है 9 बड़ी घोषणाएं?
स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश कुमार की घोषणा (Nitish Kumar announced on Independence Day)
- बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के अधीन 3 महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। इनमें सबौर में कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, भोजपुर में नए कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय और पटना में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय।
- राज्य के किसानों को कृषि उत्पादों के लिए बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी कृषि बाजार समितियों का विकास चरणबद्ध तरीके से कराया जाएगा। यहां पर अनाज फल सब्जी एवं मछली की अलग-अलग बाजार व्यवस्था, स्टोरेज की सुविधा के कार्य किए जाएंगे। इस पर 2700 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
- केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के अधिकारियों-कर्मियों एवं पेंशन धारियों को एक जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता की दर 11% बढ़ा दी गई है। अब 17% के स्थान पर 28% महंगाई भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे संबंधित आदेश वित्त विभाग द्वारा निर्गत किया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता होती है। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधीन प्रारंभिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक का संवर्ग और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन किया जाएगा। प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से होगी।
- सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए विक्रय केंद्र कुछ शहरों तक ही सीमित है। अब शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका विस्तारीकरण किया जाएगा। अगले 4 साल में सभी नगर निकाय एवं प्रखंड स्तर तक सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र खोले जाएंगे।
- बिहार में इको टूरिज्म के विकास के सभी कार्य अब पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा कराए जाएंगे। इसके लिए विभाग में ईको टूरिज्म विंग की स्थापना की जाएगी। इसके अंतर्गत पहाड़ी वन एवं वन्य प्राणी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधा का निर्माण एवं रखरखाव किया जाएगा। इसके लिए इको टूरिज्म पॉलिसी का निर्धारण शीघ्र किया जाएगा।
- सभी गांव को अगले 4 सालों में दुग्ध सहकारी समितियां से आच्छादित किया जाएगा। जितनी भी नई समितियां बनेंगी उनमें 40% समिति महिला दुग्ध समिति समितियां होंगी।
- पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए पारिवारिक आय की सीमा भारत सरकार द्वारा 2.5 लाख रुपए निर्धारित की गई है। बिहार सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग के छात्र छात्राओं के लिए पारिवारिक आय सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर 3,00,000 किया जाएगा। बढ़ी हुई पारिवारिक आय सीमा के कारण होने वाले अतिरिक्त खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी।
- सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के युवक-युवतियों को बीपीएससी तथा यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹ 50,000 तथा ₹ 1,00,000 का प्रोत्साहन दिया जाता है। अब इस योजना की तर्ज पर अन्य सभी वर्ग की युवतियों के लिए भी सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की जाएगी। ताकि प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके। मतलब मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि आप सभी वर्ग- समाज की लड़कियों को बीपीएससी और यूपीएससी की मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए सरकार मदद करेगी।
सीएम ने अपने भाषण के अंत में कहा कि बिहार का उत्थान होगा, तभी देश का उत्थान होगा। हम पुनः बिहार को पहले के तरह ही ऊंचाई प्राप्त करते हुए देखना चाहते हैं। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की एक बार फिर से बधाई।