इस वजह से मच्छर पीते हैं खून (Machhar khoon kyu Peete hain)
New Scientist वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका के मच्छरों में एडीस एजिप्टी मच्छर की कई प्रजातियां हैं और ये सभी प्रजातियां इंसानों का खून नहीं चूसती। इनमें से कुछ मच्छरों की प्रजातियां ऐसी थीं जो अन्य चीजें खा-पीकर अपना गुजारा करती हैं। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर नोआह रोज बताती हैं कि किसी ने अभी तक मच्छरों की विभिन्न प्रजातियों के खान-पान को लेकर स्टडी नहीं की। हमने अफ्रीका के सब-सहारन रीजन की 27 जगहों से एडीस एजिप्टी मच्छर के अंडे लिए। फिर इनमें से मच्छरों को निकलने दिया। इसके बाद इन मच्छरों को इंसान, अन्य जीव, गिनी पिग जैसे पर लैब में बंद डिब्बों में छोड़ दिया। ताकि उनके द्वारा खून चूसने के पैटर्न को समझा जाए। इस अध्ययन में पाया गया कि डीस एजिप्टी मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियों के मच्छरों का खान-पान बिल्कुल अलग निकला।
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हजारों साल बाद बदली मच्छरों की ये आदत
नोआह ने कहा कि ये थ्योरी गलत साबित हुई कि सभी मच्छर खून पीते हैं। दरअसल जिस इलाके में सूखा या गर्मी ज्यादा पड़ती है और पानी की कमी होती है, वहां पर मच्छरों को प्रजनन के लिए नमी की जरूरत होती है। ऐसे में मच्छर पानी की कमी को पूरा करने के लिए इंसानों या जानवरों का खून चूसना शुरू कर देते हैं। मच्छरों में ये बदलाव हजारों साल बाद आया है।
वही, एनोफिलीस यानि मलेरिया करने वाले मच्छरों (Mosquito bite disease) को कोई दिक्कत नहीं होती है। जहां इंसान पानी जमा करके रखते हैं, वहीं ये अपना प्रजनन कूलर, गमले, क्यारी या नाली जैसी जगहों पर कर लेते हैं, लेकिन जैसे ही पानी की कमी महसूस होती है, ये फौरन इंसानों या अन्य जीवों पर खून पीने के लिए हमला कर देते हैं।