Home Loan Ki EMI Miss Hone Par Kya Hoga : होम लोन लेने के बाद हर महीने समय पर ईएमआई का भुगतान करना बेहद जरूरी होता है। यदि किसी कारण से आप ईएमआई चुकाने में चूक जाते हैं, तो बैंक सख्त कदम उठा सकता है, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।
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होम लोन की ईएमआई चूक (Home Loan EMI Miss) जाने पर बैंक तुरंत सख्त कदम नहीं उठाता। पहले, वह ग्राहक की स्थिति समझने और समाधान निकालने की कोशिश करता है, ताकि संपत्ति की नीलामी अंतिम विकल्प न बने। यदि समस्या बनी रहती है, तो बैंक आगे की कार्रवाई करता है। आइए जानते हैं कि यदि आप अपनी होम लोन ईएमआई नहीं भर पाते हैं तो बैंक क्या कदम उठाता है और इससे आपको क्या नुकसान हो सकता है।
Home Loan Ki EMI Miss Hone Par Kya Hoga
पहली EMI मिस होने के बाद क्या होगा? जानिए
जब कोई ग्राहक पहली बार अपनी EMI चुकाने में चूक जाता है, तो बैंक इसे मामूली भूल मानता है और ज्यादा कठोर कदम नहीं उठाता। आमतौर पर, बैंक ग्राहक से संपर्क कर भुगतान की याद दिलाता है और जल्द से जल्द बकाया राशि जमा करने का अनुरोध करता है।
दूसरी EMI मिस होते ही बैंक क्या कदम उठाता है? जानिए अगला एक्शन!
अगर ग्राहक लगातार दूसरी बार EMI चुकाने में चूक जाता है, तो बैंक इसे गंभीरता से लेते हुए एक रिमाइंडर नोटिस भेजता है। ऐसे में, ग्राहक को तुरंत बैंक से संपर्क कर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए, ताकि आगे किसी बड़ी परेशानी से बचा जा सके।
तीसरी EMI मिस करने पर लोन को NPA क्यों घोषित किया जाता है?
अगर नोटिस भेजने के बावजूद ग्राहक तीसरी EMI भी चुकाने में चूकता है, तो बैंक उस लोन को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर देता है और उधारकर्ता को डिफॉल्टर मान लिया जाता है। यह स्थिति बैंक के लिए एक गंभीर चिंता का कारण बनती है, और इसके बाद बैंक कठोर कदम उठाता है।
डिफॉल्टर बनने के बाद नीलामी तुरंत क्यों नहीं होती?
लोन को NPA घोषित करने के बाद बैंक तुरंत संपत्ति की नीलामी नहीं करता। सबसे पहले, बैंक उधारकर्ता को कानूनी नोटिस भेजता है और EMI का भुगतान करने के लिए उसे दो महीने का समय देता है। यह एक आखिरी मौका होता है उधारकर्ता के लिए, जिससे वह अपनी स्थिति सुधार सके और नीलामी से बच सके।
नीलामी की स्थिति कब बनती है?
यदि कानूनी नोटिस भेजने के बावजूद उधारकर्ता की तरफ से कोई ठोस उत्तर नहीं मिलता, तो बैंक संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर देता है।
नीलामी से पहले बैंक जारी करता है नोटिस
नीलामी प्रक्रिया शुरू करने से पहले, बैंक एक सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करता है, जिसमें संपत्ति का मूल्य, रिजर्व प्राइस, नीलामी की तिथि और समय का विवरण दिया जाता है। यदि उधारकर्ता को यह लगता है कि संपत्ति की कीमत अधिक निर्धारित करनी चाहिए थी, तो वह इस नीलामी को चुनौती दे सकता है।
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