इलाहाबाद बैंक फ्रॉड केस में CBI ने पंकज को पकड़ा । गोवा के पोंडा स्थित मडगांव इलाहाबाद बैंक से एक करोड़ 45 लाख रुपए के फ्रॉड में CBI की टीम ने फैक्ट्री संचालक पंकज कुमार को गिरफ्तार किया है। उसे कच्ची-पक्की से दबोचा गया है। नगर और सदर थाने की पुलिस के सहयोग से गोवा CBI ने यह कार्रवाई की है। पंकज को ट्रांजिट रिमांड पर गोवा ले जाया जाएगा। आरोपी मूल रूप से मुंगेर जिला के तारापुर का रहने वाला है। वर्तमान में वह मुजफ्फरपुर के कच्ची- पक्की चौक स्थित साहू मार्केट के समीप रहता है।
इलाहाबाद बैंक फ्रॉड केस में CBI ने पंकज को पकड़ा
पंकज के खिलाफ 2018 में गोवा CBI के SP अशोक कुमार की शिकायत पर FIR दर्ज की गयी थी। वह गोवा में मैगंगा इंटरप्राइजेज नामक कंपनी चलाता था। CBI के रिकॉर्ड के अनुसार 1. 45 करोड़ रुपए के फ्रॉड के बाद से वह फरार चल रहा था।
जानकारी के अनुसार, CBI की पूछताछ के दौरान पंकज ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उसका फ्रॉड में कोई हाथ नहीं है। गोवा के इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन मैनेजर ने उसके खाते में रुपए ट्रांसफर करके फ्रॉड किया था। पंकज ने यह भी कहा कि हमारी कोई कंपनी नहीं थी। वह फिनोलेक्स में मशीन मैन का काम करता था।
मैनेजर भी थे आरोपी
CBI गोवा हेड ब्रांच के तत्कालीन SP अशोक कुमार ने एक करोड़ 45 लाख रुपए का फ्रॉड पकड़ने के बाद 21 फरवरी 2018 को FIR दर्ज की थी। इसमें इलाहाबाद शाखा के तत्कालीन मैनेजर विशाल कुमार , लक्ष्मी कोरुगेटेड मडगांव के प्रोपाइटर दिनेश कुमार त्रिपाठी और मैगंगा इंटरप्राइजेज के संचालक पंकज कुमार को आरोपित बनाया था।
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CBI के अनुसार, इलाहाबाद बैंक के पोंडा स्थित माडगांव के शाखा प्रबंधक विशाल कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लक्ष्मी कोरुगेटेड मडगांव के प्रोप्राइटर दिनेश कुमार त्रिपाठी, मैगंगा इंटरप्राइजेज के पंकज कुमार के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज को प्रस्तुत करके विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं टर्म लोन, कैश क्रेडिट के माध्यम से 1. 45 करोड़ रुपए का फ्रॉड किया था। पहले दिनेश कुमार त्रिपाठी ने पंकज कुमार के साथ मिलकर सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए 1.45 करोड़ रुपए के ऋण के लिए दो फरवरी 2016 को आवेदन दिया था। इसमें 95 लाख नकद और 45 लाख रुपए भवन और मशिनरी की खरीद करने की बात कही थी। 13 मई 2016 को लोन स्वीकृत किया गया।
फर्जी करंट अकाउंट में ट्रांसफर किया था रुपया
23 जून 2016 को पंकज के मैसर्स मैगंगा इंटरप्राइजेज के फर्जी चालू खाते में रुपए ट्रांसफर किया गया। पहले आठ लाख फिर छह लाख जमा किया था। 24 जून 2016 तक 70 लाख रुपए तक निकाले गए। इसके बाद फिर 24 लाख रुपए स्थनांतरित किया गया। इसके अलावा अगस्त 2016 तक पंकज कुमार के विभिन्न खातों में 1. 45 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर अवैध निकासी किया गया था।