Best places to visit in delhi in hindi: भारत की राजधानी दिल्ली का एक विस्तृत इतिहास (Delhi famous places) है। महाभारत काल से लेकर मुगलों के शासन तक यहां समय-समय पर कई महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनैतिक घटनाएं होती रही हैं। एक प्राचीन नगर होने के कारण दिल्ली का ऐतिहासिक महत्व (Historical places in delhi) भी बहुत उल्लेखनीय है। एक तरफ जहां ल्यूटियंस की दिल्ली है वहीं शाहजहांनाबाद, जिसे अब पुरानी दिल्ली कहा जाता है, दिल्ली अपने भीतर कई ऐतिहसिक घटनाक्रमों को सहेजे (Places to visit in delhi) हुए है। मुगल शासकों ने दिल्ली को अपनी सत्ता के केंद्र के रूप में प्रयोग किया। एक ओर जहां हुमायूं का मकबरा जैसा मुगल शैली की ऐतिहासिक इमारत (Delhi tourist places) है तो दूसरी ओर निज़ामुद्दीन औलिया की पारलौकिक दरगाह। इसके अलावा लाल-किला, जंतर-मंतर, कुतुब मीनार भी दिल्ली के ऐतिहासिक महत्व को बखूबी (Beautiful places in delhi) बयां करते हैं।
दिल्ली के दर्शनीय स्थल की सूची (Best places to visit in delhi in hindi)
घूमने का शौक रखने वाले लोगों के लिए देश की राजधानी में कई ऐसे पर्यटन स्थल (Places to visit near delhi) हैं, जहां वो कई अच्छी-अच्छी जगहों का दीदार कर सकते हैं। हालांकि, लॉकडाउन खोलने के बाद इन जगहों पर कुछ गाइडलाइंस के साथ ही आप घूम सकते हैं। अगर आप घूमने का प्लान (Delhi me ghumne ki jagah) बना रहे हैं तो ऐसे में आप उस वक्त दिल्ली का रूख भी कर सकते हैं, क्योंकि यहां की कई जगहें आपका बेसब्री से इंतजार (Best places in delhi to visit) कर रही हैं। तो चलिए जानते हैं इन जगहों के बारे में और इन के इतिहास के बारे में।
लाल किला (Best places to visit in delhi in hindi)
लाल किला हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस किले का निर्माण मुगल वास्तुकला द्वारा लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। यहां आपको संग्रहालय, पारंपरिक हस्तशिल्प, सजावटी सामान, कृत्रिम गहने आदि देखने को मिलेंगे। शाम के वक्त यहां होने वाले लाईट व साउंड शो का आनंद भी आप ले सकते हैं। लाल किले में जाकर आपको एक अलग अनुभवन मिलने वाला है।
कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद (Historical places in delhi)
इस मस्जिद का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 में शुरू करवाया था। इसे बनने में चार वर्ष का समय लगा था। कुतुबुद्दीन ऐबक के बाद के शासकों जैसे अल्तमश (1230) और अलाउद्दीन खिलजी (1351) ने इसमें कुछ और हिस्से जोड़े। यह मस्जिद हिंदू और मुसलमान कला का एक बेहतरीन नमूना है। एक ओर इसकी छत और स्तंभ भारतीय मंदिर शैली की याद दिलाते हैं, वहीं दूसरी ओर इसके बुर्ज इस्लामिक शैली में बने हुए हैं।
हुमायूं का मकबरा (Best places to visit in delhi in hindi)
हुमायूं एक महान मुगल बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी। हुमायूं की पत्नी हाजी बेगम ने उसकी याद में यह मकबरा बनवाया था। 1562-1572 के बीच बना यह मकबरा आज दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में एक है। फारसी वास्तुकार मिरक मिर्जा गियायुथ की छाप इस इमारत पर साफ देखी जा सकती है। यह मकबरा यमुना नदी के किनारे संत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास स्थित है।
अक्षरधाम मंदिर (Delhi me ghumne ki jagah)
दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर अपने आप में अलग अनुभव है। ये दिल्ली के सबसे मशहूर पर्यटन स्थल में से एक है। यहां आप नौका विहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मंदिर की कैंटीन में मिलने वाले स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां शाम के समय वॉटर शो होता है, जो काफी शानदार होता है और इसे देखने दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं।
गुरुद्वारा बंगला साहिब (Best places to visit in delhi in hindi)
सिखों के आठवें धर्म गुरू हरकिशन साहिब को समर्पित यह गुरूद्वारा सिख धर्म के अनुयायियों का प्रमुख धार्मिक (Best places to visit in delhi in hindi) स्थल है। मौलिक रूप से यह गुरूद्वारा एक हवेली है जहां गुरू हर किशन 1664 में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान रुके थे। माना जाता है कि उनके दिल्ली रहने के दौरान यहां महामारी फैल गई थी। उस समय गुरू हर किशन ने बिना किसी भेदभाव के गरीब और असहाय लोगों की सेवा की। महावारी से जूझते हुए उनकी मृत्यु बहुत छोटी उम्र में हो गई थी। गुरूद्वारा के परिसर में एक माध्यमिक स्कूल, संग्रहालय, किताबों की दुकान, पुस्तकालय, अस्पताल और एक पवित्र तालाब भी है। आज यह ना सिर्फ एक धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी यह स्थान बहुत पसंद आता है।
आगे पढ़ें: कम पूँजी में बिज़नेस कैसे शुरू करें | Low Investment Business Ideas In Hindi
पुराना किला (Places to visit in delhi)
सूर वंश के संस्थापक शेरशाह सूरी ने 16वीं सदी में इस किले का निर्माण करवाया था। 1539-40 में शेरशाह सूरी ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुगल बादशाह हुमायूं को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्जा कर लिया। 1545 में उनकी मृत्यु के बाद हुमायूं ने एक बार फिर दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया था। शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई लाल पत्थरों की इमारत शेर मंडल में हुमायूं ने अपना पुस्तकालय बनाया। इतिहासकारों का कहना है कि इसी इमारत से गिरने की वजह से हुमायूं की मृत्यु हुई थी।
यह किला केवल देशी-विदेशी पर्यटकों को ही आकर्षित नहीं करता बल्कि इतिहासकारों और पुरातत्व में रुचि रखने वाले लोगों को भी यह बहुत लुभाता है। भारतीय पुरातत्व विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्थान पर पुराना किला बना है उस स्थान पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था। इंद्रप्रस्थ को पुराणों में महाभारत काल का नगर माना जाता है। इसमें प्रवेश करने के तीन दरवाजे हैं – हुमायूं दरवाजा, तलकी दरवाजा और बड़ा दरवाजा। लेकिन आजकल केवल बड़ा दरवाजा ही प्रयोग में लाया जाता है। सभी दरवाजे दो-मंजिला हैं। वर्तमान में यहां एक बोट क्लब है जहां नौकायन का आनंद लिया जा सकता है।
जंतर मंतर (Delhi tourist places)
सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1724 में जंतर-मंतर का निर्माण करवाया था। यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है। मोहम्मद शाह के शासन काल में हिंदू और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थिति को लेकिर बहस छिड़ गई थी। इसे खत्म करने के लिए सवाई जय सिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया। ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए थे। सम्राट यंत्र सूर्य की सहायता से वक्त और ग्रहों की स्थिति की जानकारी देता है। मिस्र यंत्र वर्ष के सबसे छोटे ओर सबसे बड़े दिन को नाप सकता है। राम यंत्र और जय प्रकाश यंत्र खगोलीय पिंडों की गति के बारे में बताते हैं।
आगे पढ़ें: हस्तरेखा का संपूर्ण ज्ञान | Hast Rekha Gyan in hindi
दिगंबर जैन मंदिर (Best places in delhi to visit)
दिल्ली के सबसे पुराने जैन मंदिर का निर्माण 1526 में हुआ था। यह चांदनी चौक में स्थित है। यह लाल पत्थरों से बना है, इसलिए यह लाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा भी स्थापित है। जैन धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थान आध्यात्मिक रूप में बहुत महत्व रखता है।
छतरपुर मंदिर (Delhi famous places)
दिल्ली के सबसे बड़े और आलीशान मंदिरों (Best places to visit in delhi in hindi) में से एक छतरपुर मंदिर गुड़गांव-महरौली रोड पर स्थित है। यह सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इसकी सजावट बेहद आकर्षक है। दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर विशाल क्षेत्र में फैला है। मंदिर परिसर में बहुत खूबसूरत बागीचे भी हैं। मूल रूप से यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। इसके अलावा यहां भगवान शिव, विष्णु, देवी लक्ष्मी, हनुमान, भगवान गणेश और राम आदि देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं। दुर्गा पूजा और नवरात्रि के अवसर पर पूरे देश से यहां भक्त एकत्र होते हैं। यहां एक पेड़ है जहां श्रद्धालु धागे और रंग-बिरंगी चूड़ियां बांधते हैं।
आगे पढ़ें: आधार कार्ड सेंटर कैसे खोले | How to open Aadhar Card center in hindi
कुतुब मीनार (Places to visit near delhi)
कुतुब मीनार का निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 1199 में शुरू करवाया था औरइल्तुमिश ने 1368 में इसे पूरा कराया। इस इमारत का नाम ख्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया। कुतुबमीनार मूल रूप से सात मंजिल का था लेकिन अब यह पांच मंजिल का ही रह गया है। कुतुब मीनार की कुल ऊंचाई 72.5 मी. है और इसमें 379 सीढ़ियां हैं। ऐसा माना जाता है कि इसका प्रयोग पास बनी मस्जिद की मीनार के रूप में होता था और यहां से अजान दी जाती थी। लाल और हल्के पीले पत्थर से बनी इस इमारत पर कुरान की आयतें लिखी हैं।
कुतुबमीनार मूल रूप से सात मंजिल का था लेकिन अब यह पांच मंजिल का ही रह गया है। कुतुब मीनार की कुल ऊंचाई 72.5 मी. है और इसमें 379 सीढ़ियां हैं। जिन बादशाहों ने इसकी मरम्मत कराई उनका उल्लेख इसकी दीवारों पर मिलता है। कुतुब मीनार परिसर में और भी कई इमारते हैं। भारत की पहली कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अलाई दरवाजा और इल्तुमिश का मकबरा भी यहां बना हुआ है। मस्जिद के पास ही चौथी शताब्दी में बना लौहस्तंभ भी है जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।
फतेहपुरी मस्जिद (Best places to visit in delhi in hindi)
दिल्ली के चांदनी चौक या पुराने शाहजहांनाबाद में स्थित इस मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां की पत्नी फतेहपुरी बेगम ने 1650 में करवाया था। उन्हीं के नाम पर इसका नाम फतेहपुरी मस्जिद पड़ा। लाल पत्थरों से बनी यह मस्जिद मुगल कारीगरी का एक बहुत शानदार नमूना है। इस मस्जिद में एक कुंड भी है जो सफेद संगमरमर से बना है। अंग्रेज शासकों ने इस मस्जिद को 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद नीलाम कर दिया था। नीलामी में इस मस्जिद को राय लाला चुन्ना मल ने मात्र 19,000 रुपए में खरीद लिया था। जिन्होंने इस मस्जिद को संभाले रखा था। बाद में 1877 में सरकार ने इसे चार गांवों के बदले में वापस अधिकृत कर मुसलमानों को दे दिया।
इंडिया गेट
राजपथ पर स्थित इंडिया गेट का निर्माण (Best places to visit in delhi in hindi) प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में मारे गए 90,000 भारतीय सैनिकों की याद में कराया गया था। 160 फीट ऊंचा इंडिया गेट दिल्ली का पहला दरवाजा माना जाता है। जिन सैनिकों की याद में यह बनाया गया था उनके नाम इस इमारत पर खुदे हुए हैं। इसकी नींव 1921 में ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी और इसे कुछ साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इर्विन ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में की गई थी। जिसे अखंडित रूप से प्रज्वलित किया जाता है।
खिड़की मस्जिद (Best places to visit in delhi in hindi)
इस दो मंजिला मस्जिद का निर्माण 1380 में फिरोज शाह तुगलक के प्रधानमंत्री खान-ए-जहान जुनैन शाह द्वारा करवाया गया था। मस्जिद के अंदर बनी खूबसूरत खिड़कियों के कारण इसे खिड़की मस्जिद कहा जाने लगा। मस्जिद के चारों कोनों पर बुर्ज बने हैं जो इसे किले का रूप देते हैं। पहले पूर्वी द्वार से प्रवेश किया जाता था लेकिन अब दक्षिण द्वार पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
आगे पढ़ें: दुबई में जॉब कैसे पाए 2021 | Dubai me job kaise paye in Hindi
लोट्स टेंपल
लोटस टेंपल या बहाई मंदिर कालकाजी मंदिर (Best places to visit in delhi in hindi) के पीछे स्थित है। यह मंदिर एशिया महाद्वीप में बना एकमात्र बहाई प्रार्थना केंद्र है। यह अद्वितीय वास्तु शिल्प के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। 26 एकड़ में फैले इस मंदिर का निर्माण 1980 से 1986 के बीच हुआ था। इसे बनाने में कुल 10 मिलियन रुपये की लागत आई थी। श्रद्धालुओं के लिए इसे दिसंबर 1986 में खोला गया था। कमल भारत की सर्वधर्म समभाव की संस्कृति को दर्शाता है। मंदिर में एक प्रार्थना हॉल है जिसमें कोई मूर्ति नहीं है। किसी भी धर्म के अनुयायी यहां आकर ईश्वर का ध्यान कर सकते हैं।
राजघाट (Best places to visit in delhi in hindi)
यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर महात्मा गांधी की समाधि स्थित है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द ‘हे राम’ उद्धृत हैं। अब यह एक खूबसूरत बाग का रूप ले चुका है। यहां पर खूबसूरत फव्वारे और अनेक प्रकार के पेड़ लगे हुए हैं। यहां पास ही शांति वन में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की समाधि भी है। भारत आने वाले विदेशी उच्चाधिकारी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट अवश्य आते हैं।
आगे पढ़ें: बिजली का बिल कम कैसे करें | How to reduce electricity bill
लक्ष्मी नारायण मंदिर
बिड़ला मंदिर नाम से मशहूर यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से एक है। 1938 में निर्मित हुए इस मंदिर का उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था। बिड़ला मंदिर अपने यहां मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। वास्तुशिल्प की बात की जाए तो यह मंदिर उड़िया शैली में निर्मित है। मंदिर का बाहरी हिस्सा सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बना है जो मुगल शैली की याद दिलाता है।
जामा मस्जिद
पुरानी दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। ये मस्जिद इंडो-इस्लामिक व मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत नजारा है। यहां एक समय पर काफी संख्या में लोग एक साथ खुदा के आगे सिर झुका सकते हैं। ईद के समय तो यहां का नजारा बेहद ही प्यारा होता है। यहां जाना एकदम मुफ्त है और साथ ही जामा मस्जिद के आसपास कई स्वादिष्ट भोजन मिलते हैं, जिनका आप स्वाद ले सकते हैं।
आगे पढ़ें: कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट में गलती को कैसे सुधारे | How to Correct Covid Vaccine Certificate in Hindi
घंटेश्वर महादेव
यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि इस मंदिर की वजह से कटरा नील को पवित्र माना जाता है। इतना ही नहीं, प्राचीन समय में कटरा नील का नाम विद्यापुरा भी था। महादेव के इस मंदिर को विश्वेश्वर भी कहते हैं। जिस वजह से इस स्थान को काशी के बराबर ही पवित्र माना गया है। इसे घंटेश्वर महादेव इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि जब भी किसी की मनोकामना पूरी होती है तो वह शिवलिंग के ऊपर घंटा चढ़ाता है। यह प्राचीन मान्यता है। इतना ही नहीं, मंदिर के जीर्णोद्धार के समय मुख्य द्वार पर मकराना पत्थर से निर्मित सिंगल स्टोन का घंटा भी बनवाया गया था, जो आज भी मंदिर की शोभा बढ़ा रहा है।
काली माता मंदिर
काली माता मंदिर शिवालय से कुछ ही दूरी पर है। यह मंदिर भी बहुत प्राचीन है। बताया जाता है कि यहां मां काली की स्वयंभू मूर्ति है, जो मंदिर के पीछे बने कुएं से निकली थी। तभी से वह मूर्ति मंदिर में स्थापित की गई। इस मंदिर में काली माता के साथ सरस्वती जी की और लक्ष्मी जी की मूर्ती भी मुख्य भवन में मौजूद है। इनके अलावा देवी के नौ रूपों की मूर्ति भी मंदिर में स्थापित है। यहां नवरात्र के दिनों में अपार भीड़ रहती है और विभिन्न उत्सवों के आयोजन होते हैं। जो लोग चांदनी चौक या कटरा नील छोड़ कर दूर जगहों पर रहने के लिए जा चुके हैं, वह आज भी परिवार सहित इस ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।
आगे पढ़ें: गांव में शुरु करें ये 20 बिजनेस, होगा लाखों का मुनाफा | Village Business Ideas in Hindi
राधा कृष्ण मंदिर
इस मंदिर को छोटा मंदिर भी कहा जाता है। पुराने समय में इस मंदिर में छोटी-छोटी मूर्तियां थीं। जीर्णोद्धार के समय यहां पर राधा कृष्ण जी की भव्य और सुंदर मूर्तियों की स्थापना की गई है। इस मंदिर की अपनी मान्यता है। यहां आने पर लोगों को राधा कृष्ण जी के मोहक रूप के दर्शन होने के साथ-साथ शांति भी मिलती है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर यहां सुंदर झाकियां सजाई जाती हैं।
किला राय पिथौरा
पृथ्वी राज चौहान द्वारा बनवाए गए इस किले को किला राय पिथौरा के नाम से भी जाना जाता है। महरौली के पास बने इस किले को 11वीं शताब्दी में गया था, जिसके अंदर पृथ्वी राज चौहान की प्रतिमा भी देखी जा सकती है। किले की हालत देखते हुए, इसे हेरिटेज पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है।
आगे पढ़ें: घर बैठे पैसे कैसे कमाए जानिए 18 तरीके हिंदी में | Ghar baithe paise kaise kamaye 2021
रजिया-अल-दीन मकबरा
दिल्ली की पहली बहादुर महिला शासक रजिया बेगम सुल्तान का मकबरा दिल्ली में एक रहस्य की तरह है। तुर्कमान गेट के पास स्थित रजिया सुल्तान की क्रब गुमनाम चीजों की तरह है। माना जाता है कि रजिया सुल्तान को उनके पति अल्तुनिया की सेना ने बगावत कर उन्हें यहीं मार गिराया था, जिसके बाद रजिया को यहीं दफ्न कर दिया गया।
गंधक की बावली
गंधक की बावली का निर्माण 13वीं शताब्दी में कराया गया था। महरौली स्थित ये बावली शहर का सबसे पुराना और बड़ा कुआं है। कुएं में सल्फर मिले होने की वजह से इसमें गंध आती है। प्राचीन समय से ही कुएं के पानी को काफी गुणकारी माना जाता है और इसे बनाने का श्रेय इल्तुतमिश को जाता है।
हनुमान मंदिर
करोल बाग और झंडेवालान मेट्रो स्टेशन दोनों से दिखाई देने वाले इस मंदिर में मंगलवार के दिन भक्तों की विशेष भीड़ रहती है क्योंकि इस दिन भगवान हनुमान का दिन माना जाता है। स्वयं भगवान हनुमान की मूर्ति के अलावा मंदिर का प्रवेश द्वार भी काफी अनोखा है। इसे देवता के मुख के रूप में बनाया गया है, जिसमें से चलकर आप मंदिर के गर्भगृह में पहुंचते हैं। अगर आप मंदिर में जाना चाहते हैं, तो हमारी सलाह है कि आप शाम की आरती के दौरान यहां जाएं।
ओखला बर्ड सैंक्चुरी
ओखला बर्ड सैंक्चुरी 4 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है और यह भारत के 466 महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों में से एक है। दिल्ली दुनिया का दूसरा ऐसा शहर है, जहां पक्षियों की एक विशाल विविधता देखने को मिल जाएगी। अगर आप ओखला बर्ड सैंक्चुरी घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां सुबह-सुबह घूमने के लिए निकलें, क्योंकि गर्मियों में आपके लिए घूमना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
आगे पढ़ें: बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय | Home remedies for hair fall and regrowth
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट
दिल्ली में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (Best places to visit in delhi in hindi) में जो कोई घूमता है, वो तारीफ किए बिना वापस नहीं लौटता। इस बड़ी गैलरी में आपको 14,000 कलाकृतियां देखने को मिलेंगी, जिसे पूरे हफ्ते में एक या दो बार बदल दिया जाता है, और नए-नए कलाकारों का काम यहां प्रदर्शित किया जाता है। थॉमस डेनियल, राजा रवि वर्मा, रबिंद्रनाथ टैगोर, अमृता शेरगिल और एस.एच. रज़ा की कलाकारी आप इस गैलरी में देख सकते हैं। गैलरी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहती है। अगर आप यहां घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो आपका पूरा दिन इस गैलरी को देखने में निकल सकता है।
दरगाह हजरत निजामुद्दीन
आपने कव्वाली वीडियो तो बहुत देखे होंगे, लेकिन शायद ही आपने कभी असल जिंदगी में दरगाह के अंदर बैठकर कव्वाली का मजा लिया होगा। अपनी आंखों के सामने कव्वाली देखने का अनुभव ही अलग है। हजरत निजामुद्दीन दरगाह को बॉलीवुड मूवीज में भी कई बार दिखाया गया है। कव्वाली समारोह हर गुरुवार को शाम 6 बजे से शुरू होता है। दरगाह तक जाने के लिए आपको संकरी गलियों से गुजरना पड़ेगा। दरगाह के अंदर जाने के लिए जूते बाहर उतार दें और खुले आसमान के नीचे आत्मा को शांति देने वाली कव्वाली का आनंद उठाएं।
आगे पढ़ें: घर बैठे इन आसान तरीकों से करें प्रेग्नेंसी टेस्ट | Pregnancy test at home
चा बार
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके का सबसे लोकप्रिय कैफे कम बुक स्टोर, बुक लवर्स के लिए बेहद पसंदीदा हैंगऑउट प्लेस है। कैफे में एक छोटा सा ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर है, जहां आप अपनी पसंदीदा किताब को पढ़ते हुए चाय का मजा ले सकते हैं। वाइट इंटीरियर और प्लास्टिक फर्नीचर इस जगह को आकर्षक बनाते हैं। यहां का के स्नैक्स आपके बजट के हिसाब के हैं, और सबसे बड़ी खासियत है, यहां की चाय। आपको यहां सभी फ्लेवर की चाय मिल जाएंगी। दो लोगों के लिए यहां 500 रुपए तक का खर्च आ सकता है।
इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन
आप इसका नाम सुनते ही सोच रहे होंगे दिल्ली में माउंटेनियरिंग, लेकिन कब से और कहां? यह सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा। आईएमएफ में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड आर्टिफिशियल क्लाइंबिंग वॉल मौजूद है, आप दिल्ली में रहकर कुछ ऐसे एडवेंचर्स कर सकते हैं। चिलचिलाती धूप से बचने के लिए आप शाम 4 बजे से रात 8 बजे का स्लॉट चुन सकते हैं। चार घंटे की शिफ्ट के लिए 150 रुपए और एक महीने के लिए आपको 500 रुपए देने पड़ेंगे।
आगे पढ़ें: सावधान कहीं आपके Aadhaar Card का भी तो नहीं हो रहा है गलत इस्तेमाल, घर बैठे ऐसे करें चेक
राष्ट्रपति भवन
अगर आप भी देश के प्रथम व्यक्ति का घर यानि राष्ट्रपति भवन (Best places to visit in delhi in hindi) देखना चाहते है तो आसानी आप ऐसा कर सकते हैं क्योंकि राष्ट्रपति भवन अब आम लोगों के लिए खुला है। आप किसी भी दिन राष्ट्रपति भवन में जा सकते हैं लेकिन इससे पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा जिसमें राष्ट्रपति भवन आने वाले व्यक्तियों की पूरी डिटेल देनी होती है।
सांसद भवन
भवन का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को ड्यूक आफ कनाट (Best places to visit in delhi in hindi) ने किया था। इस महती काम को अंजाम देने में छह वर्षो का लंबा समय लगा। इसका उद्घाटन तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने 18 जनवरी 1927 को किया था। संपूर्ण भवन के निर्माण कार्य में कुल 83 लाख रुपये की लागत आई। गोलाकार आवृत्ति में निर्मित संसद भवन का व्यास 170.69 मीटर का है तथा इसकी परिधि आधा किलोमीटर से अधिक (536.33 मीटर) है जो करीब छह एकड़ (24281.16 वर्ग मीटर)भू-भाग पर स्थित है।
दो अर्धवृत्ताकार भवन केंद्रीय हाल को खूबसूरत गुंबदों से घेरे हुए हैं। भवन के पहले तल का गलियारा 144 मजबूत खंभों पर टिका है। प्रत्येक खंभे की लम्बाई 27 फीट (8.23 मीटर) है। बाहरी दीवार ज्यामितीय ढंग से बनी है तथा इसके बीच में मुगलकालीन जालियां लगी हैं। भवन करीब छह एकड़ में फैला है तथा इसमें 12 द्वार हैं जिसमें गेट नम्बर 1 मुख्य द्वार है।
लोदी गार्डन (Beautiful places in delhi)
लोदी गार्डन को ब्रिटिश काल में विकसित करते हुए 9 अप्रैल 1936 को लेडी विलिंगडन ने इसका विधिवत उद्घाटन किया। यही कारण था कि इस पार्क का नाम लेडी विलिंगन पार्क रखा गया। दरअसल यह लेडी विलिंगडन, भारत के तत्कालीन वाइसरॉय और गवर्नर जनरल विलिंगडन के मार्कोस की पत्नी की दूरदृष्टि थी, जिसके कारण आज का लोदी गार्डन अस्तित्व में आया। सुबह घूमने की शौकीन अंग्रेज वाइसरॉय की पत्नी को इसके लिए सैय्यद और लोदी राजवंशों के मकबरों से सटा इलाका सबसे बेहतर लगा। यह बात उनकी पारखी नजर में साफ आ गई कि मूल रूप से इनमें से हर मकबरे के साथ एक बाग जुड़ा हुआ था।
hi,
your Absolutely merizing Your travel photos transport me to another world, and I can almost feel the adventure through the screen. The vibrant colors, stunning landscapes, and the sense of exploration captured in each shot are truly inspiring It seems like you’ve uncovered hidden gems and created unforgettable memories .
Thanks.. India