Bihar Government Scheme for Girls: बिहार में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (Chief Minister Kanya Utthan Yojana) के तहत राज्य की 12 हजार स्नानक पास अविवाहित लड़कियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि जल्द भेजी जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग के स्तर से कन्या उत्थान योजना (Kanya Utthan Yojana) के क्रियान्वयन में तेजी लाई जा रही है, बल्कि और लाभार्थियों को शीघ्र प्रोत्साहन राशि उपलब्ध हो सके, इसके लिए उनके आवेदनों के निष्पादन की प्रक्रिया की लगातार मानीटरिंग की जा रही है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते बंद रहे विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की वजह से भी विद्यार्थियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हुई है, लेकिन छात्रवृत्ति, साइकिल, पोशाक, नैपकीन और प्रोत्साहन योजना की राशि भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।
Bihar Government Scheme for Girls, 12th और ग्रेजुएशन पास पास लड़कियों को जल्द होगा भुगतान
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में चालू वित्त वर्ष में 200 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। अभी 30 करोड़ रुपये की निकासी भी हो चुकी है। जरूरत पड़ने पर और राशि की निकासी होगी ताकि इंटर एवं स्नातक पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को क्रमश 25 हजार रुपये और 50 हजार रुपये का भुगतान जल्द कराई जा सके।
उन्होंने बताया कि तीन फरवरी को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 25 हजार और स्नातक पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 50 हजार रुपये दिए जाने की मंजूरी दी गई थी।
मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत 33,666 अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के लिए बिहार आकस्मिकता निधि से 34 करोड़ खर्च की स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत फर्स्ट डिवीजन पास मैट्रिक के छात्र-छात्राओं को दस हजार तथा इंटरमीडिएट पास छात्र-छात्राओं को 15 हजार रुपये दिए जाने का प्रविधान है।
Chief Minister Kanya Utthan Yojana
पिछले चार वर्षों में इस योजना का लाभ 95102 स्नातक पास लड़कियों को मिला
वर्ष 2018-19 से 24 जुलाई 2021 तक मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना में कुल 3 लाख 28 हजार 431 आवेदन आए हैं। इनमें से 12 हजार 79 आवेदन नामंजूर हुए, जबकि दो लाख 37 हजार 890 आवेदन लंबित हैं। सरकार ने पिछले चार वर्षों में इस योजना के लिए कुल 900 करोड़ रुपये का प्रविधान किया। इसमें से 237 करोड़ 75 लाख रुपये लाभार्थियों के बीच बांटे गए।