नई दिल्ली: बेटियों के जन्म लेते ही माता-पिता उसके बेहतर भविष्य के लिए पैसे जोड़ने शुरू कर देते हैं। इसके लिए अच्छी इन्वेस्टमेंट पॉलिसी (Investment Policy) लेने की प्लानिंग करने लगते हैं, ताकि बेटी की पढ़ाई-लिखाई और शादी-ब्याह में कोई अड़चन न आए। यही वजह है कि बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं। ऐसे में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) बेटियों को ध्यान में रखकर खास स्कीम लेकर आया है। इसका नाम है- एलआईसी कन्यादान पाॅलिसी (LIC Kanyadaan policy)। LIC की ये स्कीम कम आय वाले माता-पिता को बेटियों की शादी के लिए रकम जुटाने में मदद करती है।
एलआईसी कन्यादान पॉलिसी के तहत एक निवेशक को प्रीमियम जमा करने होते हैं। कन्यादान पॉलिसी के लिए प्रमुख शर्त यह है कि निवेशक की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए। साथ ही निवेशक की बेटी की आयु कम से कम 1 वर्ष होनी चाहिए। बता दें कि इस स्कीम को आवेदन के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, जन्म प्रमाणपत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। यह एलआईसी की पॉलिसी है ऐसे में आपको आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत भुगतान किए गए प्रीमियम पर कर छूट मिलती है। टैक्स छूट अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक है।
LIC Kanyadaan Policy की विशेषताएं
- यह स्कीम आपकी बेटी को वित्तीय रुप से सुरक्षित बनाती है।
- स्कीम में मैच्योरिटी पर पॉलिसी धारक को एक मुश्त राशि मिलती है।
- पिता या अभिभावक की मृत्यु होने पर प्रीमियम अदा करने से छूट मिल जाती है।
- दुर्घटना से मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये का तुरंत भुगतान किया जाता है।
- सामान्य मृत्यु की दशा में 5 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है।
- मैच्योरिटी तक प्रत्येक साल 50000 रुपये का भुगतान किया जाता है।
- मैच्योरिटी के समय पूरे मैच्योरिटी अमाउंट का भुगतान किया जाता है।
अगर कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये का बीमा लेता है तो उन्हें 22 साल तक मासिक किस्त 1,951 रुपये देना होगा। समय पूरा होने पर एलआईसी की तरफ से 13.37 लाख रुपये मिलेंगे। ठीक इसी तरह अगर कोई व्यक्ति 10 लाख का बीमा लेता है तो उसे महीने का 3901 रुपये किश्त का भुगतान करना होगा। 25 साल बाद एलआईसी की तरफ से 26.75 लाख रुपये का भुगतान होगा।
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सरकार ने छोटी जमाओं पर घोषित दरों के तहत अभी पीपीएफ पर 7.10 फीसदी का इंट्रेस्ट रेट घोषित किया है। सरकार समय समय पर इसमें बदलाव करती है। लेकिन इन बदलावों के बावजूद इस स्कीम में ब्याज की दरें ज्यादा नहीं घटती हैं। इस स्कीम के अंतर्गत एक शख्स केवल एक अकाउंट खुलवा सकता है। पीपीएफ के तहत आप एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपए जमा कर सकते हैं। आप अधिकतम कितनी भी रकम इसमें जमा कर सकते हैं। लेकिन आपको आयकर की धारा 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक ही छूट मिलेगी।