धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अगर आपके ऊपर कोई कर्ज है, तो उसे उतार दें। अगर किसी ने आपका भला किया है, तो आपको उसका कर्ज जरूर चुकाना होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर आपने किसी का कर्ज नहीं चुकाया तो वह आपके साथ अगले जन्म में भी रहता है। अगर किसी की मृत्यु आपका कर्ज चुकाने से पहले हो जाती है तो आप बार-बार आपको जन्म लेना पड़ेगा। यही कारण है कि आप ऐसे व्यक्ति को उसकी मृत्यु के साथ ही माफ कर देंगे।
साथ जाती है वासना और मोह
यदि किसी व्यक्ति को सांसारिक सुख नहीं मिलता, तो उसकी वासना मृत्यु के बाद भी रहती है। विष्णु पुराण में इसकी एक कहानी है जिसमें राजा भरत को अपने हिरण के बच्चे से बहुत प्यार था और उससे लिपटे हुए ही उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद राजा भरत को हिरण बनना पड़ा। यही कारण है कि कामना और वासना को कभी भी अपने मन पर हावी नहीं होने देना चाहिए। यदि आप किसी भी चीज से अधिक मोहित हैं तो उसे छोड़ देना चाहिए।
मृत्यु के साथ जाते है कर्म
मनुष्य अपने जीवन में अच्छे और बुरे काम करता है, और इन्हीं कर्मों से परलोक में उसे सुख या दुख मिलेगा। मानव के कर्म अगले सात जन्मों तक उसके साथ चलते रहते हैं। महाभारत में, जब भीष्म ने श्रीकृष्ण से पूछा कि मुझे बाणों की शैय्या पर क्यों मौत मिली, तो श्रीकृष्ण ने उन्हें सात जन्म पहले की घटना याद दिलाई। सात जन्म पहले, उन्होंने नागफनी के कांटों पर एक अधमरे सांप फेंक दिया था। इसलिए कर्म मनुष्य को कभी नहीं छोड़ते हैं।
मृत्यु के साथ जाता है पुण्य
शास्त्रों के अनुसार, अगर किसी अनजान व्यक्ति ने आपके ऊपर इस जन्म में दया या कृपा की है, तो शायद आपने भी उसका पिछले जन्म में कल्याण किया होगा। शास्त्र कहते हैं कि दान और परोपकार कभी भी खली नहीं जाते है और और उसका कर्ज ही वह चुका रहा है। इसलिए हमेशा दान पुण्य करते रहना चाहिए वही व्यक्ति की मृत्यु के बाद साथ जाते है।
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