जानिए यहां कैसे तैयार होते हैं IAS-IPS से लेकर 28 तरह के अधिकारी, जानें 1200 आफिसर्स कैसे कराते हैं तैयारी

Free Online UPSC Coaching :  देश की जनता अक्सर हैरान रहती है कि आखिर बिहार और झारखंड से ही यूपीएससी में बच्चे हर साल सबसे अधिक सफल क्यों होते हैं. चाहे इस साल की बात हो या पिछले साल की बात हो लगातार टॉप रैंक हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं. बिहार और झारखंड जहां सबसे अधिक शिक्षा में बदलाव की जरूरत है, लेकिन सरकारी अव्यवस्था के बीच भी वहां के प्रतियोगी लगातार धमाल करते हैं .

Free Online UPSC Coaching

नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिविल सर्वेंट (NACS) के 1200 सिविल सर्वेंट यहां युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए योगदान दे रहे हैं. इसमें बिहार और झारखंड के पूर्व नौकरशाह या मौजूदा ब्यूरोक्रेट शामिल हैं. पिछले साल यूपीएससी के रिजल्ट में 60 से अधिक प्रतियोगियों ने सफलता (UPSC Free Coaching Admission) हासिल किया. इसमें ज्यादातर आईएएस और आईपीएस ने यहां से शिक्षा लिया है. आखिर यह कैसे संभव हुआ.

कब बना NACS?

जब 2014 में इस एसोसिएशन को गठन करने पर चर्चा हुई थी तब कोई सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी कामयाबी मिलेगी. 1983 बैच के आईएएस बीके प्रसाद ने इस सोच के साथ अपने मित्रों से चर्चा की और उसके बाद यह कारवां चल पड़ा. हरेक साल 20 से 30 आईएएस, आईपीएस सहित 28 तरीके के सिविल सर्वेंट बनकर सफलता पा रहे हैं.

एसोसिएशन के फाउंडर मेंबर और 1987 बैच के आईपीएस अरुण कुमार TV9 Digital को बताते हैं कि शुरुआत से लेकर अब तक कई सौ अभ्यर्थियों को सफल होते देख कर और उत्साहित होकर काम करने की प्रेरणा मिलती है. अब यंग जेनरेशन वाले ऑफिसर्स ने बड़ी खुबी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

इंटरव्यू के लिए चुने गए सौ फीसदी प्रतिभागियों के लिए बिहार भवन में निशुल्क मॅाक इंटरव्यू (UPSC Free Coaching) की व्यवस्था होती है. वहां शनिवार और रविवार को घंटो-घंटो यह सेशन चलता है. रहने और खाने-पीने सहित तमाम व्यवस्था की जाती है. पिछले 2 साल से बीपीएससी के लिए भी तैयारियां कराई जा रही हैं.

फ्री में करें रजिस्ट्रेशन

जिन बच्चों को ऑनलाइन जानकारी चाहिए उसके लिए वेवसाइट पर रजिस्टर्ड करने के बाद ग्रुप में शामिल कर लिया जाता है. फिर उनके सवालों का जवाब ग्रुप में वरिष्ठ अधिकारी देते रहते हैं. इस साल और अगले साल की तैयारी करने वाले प्रतिभागी कभी भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं . वह भी निशुल्क है.

इस साल बनें 60 ऑफिसर्स

अब बिहार में अलग अलग जिले में स्थानीय बच्चों को वर्कशॉप के जरिए प्रेरित करने के लिए भी प्रोग्राम चलाए गए हैं. संतोष राय ने बताया कि पिछले 2020 के यूपीएससी के टॉपर रहे शुभम कुमार को लेकर कई प्रोग्राम्स किए गए. जिससे प्रतिभागियों को बिहार और झारखंड के सफलता पाए आईएएस आईपीएस सहित अलग अलग सेक्शन सेलेक्टेड लोगों से मिलाया गया. हजारों बच्चे उनसे मिलने आए. बातचीत की और फिर आप इस साल का रिजल्ट देख रहे हैं कि यूपीएससी के कुल 933 में से 60 से अधिक युवक-युवतियां सफल रहे है.

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